यादृच्छिक, बिन्दु और अनुक्रमिक प्रतिचयन योजनाओं में कई प्रतिचयनतकनीकियां अपनायी जाती है जिनमें आँखों द्वारा गणना (विसुअल् चोउन्ट्), प्रसर्प जाल (स्तेएप् नेट्) तथा पात चादर (ड्रोप् स्हेएट्) प्रमुख हैं.
2.
अनुक्रमिक प्रतिचयन विधि में `आर्थिक देहली ' (एचोनोमिच् ट्ह्रेस्होल्ड्) काज्ञान होना अति आवश्यक है, जो इस बात का निर्धारण करेगा कि समा-कलित कीटनियन्त्रण अथवा नाशक जीव व्यवस्था आरम्भ करने से पहले और प्रतिचयन करनाहै या नहीं.
3.
(इव्) अनुक्रमिक प्रतिचयन (शेर्उएन्टिअल् सम्प्लिन्ग्) इस प्रकार के प्रतिचयन की विधियां बहुत से समाकलित नाशक कीट नियन्त्रणकार्यक्रमों अथवा नाशकजीव व्यवस्थाओं के लिए अभी पूर्णतया ब्यौरेवार रूपमें विकसित नहीं हो पायी हैं लेकिन भविष्य में ये बहुत कुछ आम होजायेंगी.